बिहार : भोजपुर जिला के चांदी थाना क्षेत्र के बहियारा पत्थरवा घाट पर शनिवार की शाम पांच बजे सोन नदी में जिउतिया स्नान के दौरान सेल्फी लेने के चक्कर में एक नवविवाहिता समेत पांच युवतियां डूब गयीं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सेल्फी लेने के दौरान एक युवती पैर फिसलने से गहरे पानी में चली गयी. इसके बाद एक-दूसरे को पकड़ने के चक्कर में पांचों युवतियां डूब गयीं. देर रात तक इनकी तलाश की जा रही थी. इस घटना के बाद घाट पर चीख-पुकार मच गयी. इस हादसे में दो परिवारों के दो-दो और एक परिवार की एक युवती के डूबने की सूचना है. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय गोताखोरों ने नदी में छलांग लगायी, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी.

शनिवार को शाम के तीन बजे के करीब सभी चांदी स्थित अपने घर से बहियारा स्थित पत्थरवा घाट आये थे. इसी दौरान सभी सोन नद में स्नान करने उतर गई. इसी बीच अचानक सभी गहरे पानी में चली गयी और डूबने लगी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही वे डूबने लगी एक दूसरे को पकड़ कर खिंचने की कोशिश करने लगीं लेकिन एक के बाद एक सभी गहरे पानी में चली गयी और नदी की तेज धार की वजह से डूब गए.

मृतकों में एक ही परिवार की तीन और एक परिवार की दो युवतियां हैं जिनमें से एक ही शादी पिछले वर्ष ही हुई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सभी नहाने के बाद एक साथ सेल्फी ले रही थीं, तभी पहले से हुए खनन से बने गड्ढे में एक का पैर फिसला और एक दूसरे को बचाने के चक्कर में एक-एक कर सभी नदी की तेज धार की वजह से बह गईं. जबतक वहां मौजूद व्रती और महिलाएं चीख-पुकार मचातीं तबतक सभी नदी की तेज धार में गुम हो गईं.

अभी तक नहीं मिली डेड बॉडी

लापता होने वालों में चांदी थाना क्षेत्र के चांदी निवासी चितरंजन वर्मा की दो पुत्रियां पूनम (16), सुमन (15) और उनके भाई देवेन्द्र वर्मा की पुत्री अंजली (18) है. वहीं कुंजनटोला निवासी व चांदी में रह रहे ददन राय की शादीशुदा पुत्री अनिता ( 21 ) और उनके साला उदवंतनगर करवा मिल्की निवासी दशरथ यादव की पुत्री निशा (16) हैं. सभी एक साथ अपने परिजनों के साथ चांदी से बहियारा नदी में स्नान करने आईं थीं.

जैसे ही पांचों युवतियां नदी के गहरे पानी में डूबी घाट पर चीख पुकार मच गई. जिउतिया स्नान करने आई व्रतियों की चीख पुकार सुन स्थानीय लोग और गोताखोर घाट की ओर दौड़े और नदी में छलांग लगा दी. हालांकि घाट से बहियारा गांव की आबादी काफी दूरी पर है. जबतक स्थानीय लोग और गोताखोर पहुंचते तबतक बहुत देर हो चुकी थी. गोताखोरों ने शाम पांच बजे से लेकर अंधेरा होने तक काफी छानबीन की लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. अंधेरा होने पर थक हार कर गोताखोरों ने खोजबीन बन्द कर दिया.

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