18 माह में 453 नक्सली ढेर, 1,602 ने किया आत्मसमर्पण, 1,591 गिरफ्तार…
बस्तर में निर्णायक अभियान, 1162 बारूदी सुरंगें निष्क्रिय

18 माह में 453 नक्सली ढेर, 1,602 ने किया आत्मसमर्पण, 1,591 गिरफ्तार…
रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ साल में नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक अभियान चला, जिसमें 453 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार गिराया गया, 1,602 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 1,591 को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही 1,162 बारूदी सुरंगें भी निष्क्रिय की गई हैं।
बस्तर क्षेत्र में विकास की नई शुरुआत
कभी नक्सलवाद के गढ़ रहे बस्तर में अब विकास का बोलबाला है। अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा के कारण बंद लगभग 50 स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है, नए स्कूल भवन बनाए गए हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं तेजी से पहुंचाई जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए देश की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति लागू की है, जिसमें तीन साल तक प्रति माह 10,000 रुपये प्रोत्साहन राशि, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, नकद इनाम और कृषि या शहरी भूमि दी जा रही है।
बस्तर का बदलता चेहरा: बिजली, सड़क और रेल विकास
77 वर्षों बाद बीजापुर के चिलकापल्ली गांव समेत कई दुर्गम गांवों में पहली बार बिजली पहुंची है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 275 किलोमीटर लंबी 49 सड़कें और 11 पुल बनाए गए हैं।
केशकाल घाटी चौड़ीकरण, चार-लेन बाईपास और इंद्रावती नदी पर नए पुल से आवागमन सुगम हुआ है।
रावघाट से जगदलपुर तक 140 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन की मंजूरी मिली है, साथ ही तेलंगाना से दंतेवाड़ा-किरंदूल तक 160 किलोमीटर रेलवे लाइन के सर्वेक्षण अंतिम चरण में हैं।
‘नियद नेल्ला नार’ योजना से दूरदराज गांवों को विकास की सौगात
सरकार की ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत 54 सुरक्षा शिविरों के दायरे में आने वाले 327 से अधिक गांवों में सड़क, बिजली, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, मोबाइल टावर और वन अधिकार पट्टों जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा,
“बस्तर में अब बंदूक की जगह किताबें हैं, सड़क और तरक्की की गूंज सुनाई दे रही है। हमारा लक्ष्य बस्तर को विकास के मार्ग में अग्रणी बनाना है।”
छत्तीसगढ़ सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर बस्तर को शांति और समृद्धि का केंद्र बनाने की ओर बढ़ रही है।