35 करोड़ मंत्री आलमगीर के: कोर्ट में ED की दलील, टेंडर मैनेज के नाम पर चल रहा था कमीशन का खेल, 1.5 प्रतिशत हिस्सा मंत्री को जाता था

रांची। संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर ने मंत्री आलमगीर आलम के सारे राज ED के सामने उगल दिये हैं। कोर्ट में जिस तरह से साक्ष्यों को ED की तरफ से रखा गया, उससे एक बात तो साफ है कि मंत्री आलमगीर आलम की राह आने वाले दिनों में आसान नहीं होने वाली है। आलमगीर आलम की रिमांड को लेकर जो दलील ईडी ने कोर्ट में दी, वो काफी संगीन हैं। जस्टिस प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में करीब एक घंटे तक चली बहस के दौरान ईडी ने बताया कि नौकर जहांगीर के ठिकानों में जो रकम मिली है, वो मंत्री आलमगीर आलम के हैं।

कोर्ट में बहस के दौरान बताया गया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर मैनेज करने को लेकर जो भी कमीशन का खेल चलता था, उसमें आलमगीर आलम का 1.5 फीसदी हिस्सा होता था। ऐसा नहीं था कि विभाग में चल रही गड़बड़ियों की जानकारी मंत्री आलमगीर को नहीं थी। ये बात अलग है कि पूछताछ के दौरान आलमगीर आलम इसे लेकर अनभिज्ञता जताते रहे।

लेकिन आज कोर्ट में जिस तरह से ईडी ने दावे किये, उससे तो साफ है कि संजीव लाल और नौकर जहांगीर से पूछताछ में काफी कुछ जानकारी ईडी ने हासिल कर ली है। कल से मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड की अवधि शुरू हो रही है। आज वे बिरसा मुंडा जेल होटवार में रहेंगे। ईडी के अधिकारी शुक्रवार से 22 मई तक पूछताछ करेंगे। आलमगीर आलम की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उनकी तबीयत खराब रहती है। उन्हें कुछ इमरजेंसी दवाओं की जरूरत पड़ जाती है।

कोर्ट में मंत्री की दलील पर कोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरा करने के निर्देश दिये। दवाओं के साथ-साथ रूटिन हेल्थ चेकअप की भी व्यवस्था करने को कहा गया। आपको बता दें कि आलमगीर आलम को कोर्ट ने 6 दिन की रिमाड पर भेजा है। जहां उनसे पूछताछ होगी।

HPBL Desk
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