33 स्कूलों को मिला 2.66 करोड़ का अनुदान ..वित्त रहित शिक्षा संयुक्त मोर्चा ने अनुदान पर उठाए सवाल….

रांची झारखंड के 43 स्थापना अनुमति प्राप्त विद्यालय में से 33 स्कूलों को अनुदान मिल गया है। स्कूलों में 2.66 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है। विभागीय नियम के अनुसार आवेदन करने वाले स्कूल को अब तक अनुदान नहीं मिला है। इस संबंध में झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त मोर्चा ने सवाल उठाए हैं।

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020 21 के अनुदान के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। इसमें स्थाई प्रस्विकृति प्राप्त स्कूलों को ही अनुदान देने की बात थी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन दिया जाना था। राज्य में 106 स्थाई प्रस्विकृत विद्यालय हैं ।स्थापना अनुमति प्राप्त स्कूल को अनुदान देने का कोई जिक्र नहीं था इसके बावजूद राज्य की स्थापना अनुमति प्राप्त 42 स्कूलों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया था। इन्हें 2020- 21 में अनुदान नही मिला था। लेकिन 2021- 22 में आवेदन निकाला गया और कहा गया कि जो स्कूल पूर्व में आवेदन नहीं कर सके हैं वह वर्तमान व पिछले वित्तीय वर्ष के अनुदान का आवेदन कर सकेंगे ।

208 स्थापना अनुमति प्राप्त स्कूलों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इसके बाद अनुदान समिति की बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व में जब आवेदन नहीं मांगा गया था, इस दौरान नियम के विरुद्ध आवेदन करने वाली स्कूलों को अनुदान के रूप में 26640 000 रुपए दे दिया गया।

वित्त रहित मोर्चा ने उठाए सवाल

झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इस पर सवाल उठाए हैं। संगठन के सुरेंद्र झा,रघुनाथ सिंह, अरविंद सिंह ने संयुक्त रूप से कहा है कि सरकार ने गलत रूप से आवेदन करने वाले को अनुदान दे दिया। लेकिन जिस नियम से सरकार ने आवेदन मांगा था उसके तहत आवेदन करने वाले स्कूलों को अब तक अनुदान नहीं मिला है। सरकार में क्या नियम से चलने वालों की कोई जगह नहीं है। सरकार अभिलंब 208 ऐसे हाई स्कूल जिन्होंने आवेदन दिया है उनका अनुदान स्वीकृत करें।

उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को बनाया गया आधार

वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनुदान के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के उत्तीर्ण छात्रों के आधार बनाया गया। 2020-21 में नियम के विरूद्ध ऐसे स्थापना अनुमति प्राप्त हाई स्कूल जिन्होंने आवेदन किया था और उस पर उस समय विचार नहीं किया गया था उसे इस वर्ष अनुदान दे दिया गया। वहीं वैसे 208 संस्थान जिन्होंने नियम के अनुसार अनुदान किया था उन्हें अब तक आवेदन नहीं दिया गया है, अब ऐसी संस्थानों ने अनुदान देने की अपील किया लेकिन समिति की बैठक आयोजित नहीं हो रही।

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