3 हजार करोड़ के घोटाले में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए IAS मनीष रंजन, ED को पत्र भेजकर दी ये जानकारी..

3 hajaar karod ke ghotaale mein poochhataachh ke lie upasthit nahin hue ias maneesh ranjan, aid  ko patr bhejakar dee ye jaanakaaree..

रांची। ईडी द्वारा बरामद कैशकांड, टेंडर कमीशन मामले में राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास सचिव और IAS अधिकारी मनीष रंजन आज ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे. उन्होंने इस संबंध में ईडी को एक पत्र लिखकर जानकारी दी है साथ ही मामले में पूछताछ के लिए उन्होंने अगली तारीख की मांग ईडी से की है. उन्होंने अपने राजस्व कर्मी अनिल कुमार को भेजकर ईडी कार्यालय में लेटर रिसीव करवाया है. जिसमें ईडी के समक्ष आज उपस्थित नहीं होने की जानकारी दी।

मालूम हो की ईडी ने 22 मई को आईएएस मनीष रंजन को समन जारी किया था और पूछताछ के लिए 24 मई यानी आज बुलाया था. पूछताछ के लिए ईडी ने उन्हें अपनी और परिवारिक सदस्यों की संपत्ति और आय संबंधित दस्तावेज भी साथ लाने का निर्देश दिया था. कैश बरामदगी के साथ ही डायरी से ईडी को कुछ कोड वर्ड मिले थे, जिसकी जांच के बाद ईडी आईएएस मनीष रंजन तक पहुंच गई है।

3000 करोड़ का है घोटाला

टेंडर घोटाले की जांच कर रही ईडी ने दावा है कि यह 3000 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला है. टेंडर कमीशन घोटाले मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी गिरफ्तार किया था. ईडी ने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं जिनसे पता चला है कि आलमगीर आलम और विभाग के अन्य नौकरशाहों को कटौती और कमीशन मिलता था. ग्रामीण विकास विभाग के टेंडरों से एक निश्चित कमीशन वरिष्ठ मंत्रियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाता था.

6 मई को मंत्री के पीएस संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 37.54 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी. जो ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आवंटित निविदाओं में कमीशन से प्राप्त अवैध आय थी. सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द और भी कई इंजीनियरों और बड़े अधिकारी तक जांच का दायरा बढ़ेगा।

HPBL Desk
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