Techer Job Scam: श्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती घोटाले को लेकर ममता सरकार को राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पूरी तरह से नियुक्तियों को रद्द करना नासमझी है. वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है. तौर-तरीके पश्चिम सरकार तय कर सकती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है, जिनकी भर्ती अवैध पाई गई है।

हालांकि सुनवाई के दौरान शिक्षकों की भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार को फिर फटकार लगी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखी नाराजगी जतायी। कोर्ट ने कहा कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का मामला है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की वजह से नियुक्ति को लेकर लोगों का भरोसा उठ जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें 24,000 शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्िु24स ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को सुनियोजित धोखाधड़ी करार देते हुए कहा कि 25753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना अधिकारियों का कर्तव्य है वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने साफ किया कि यह रोक अंतरिम रोक है. अगर सुप्रीम कोर्ट को आगे चलकर किसी शख्स की नियुक्ति को गैरकानूनी पाता है, तो उसे अपना वेतन वापस करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि सीबीआई अभी इस केस में जांच जारी रख सकती है, पर अभी कोई गिरफ्तारी जैसी दंडात्मक कार्रवाई इस जांच के आधार पर नहीं हो पाएगी. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 16 जुलाई को सुनवाई करेगा।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को सुनियोजित धोखाधड़ी करार दिया है और कहा है कि 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना अधिकारियों का कर्तव्य है। कोर्ट ने आगे कहा कि सार्वजनिक नौकरियां बहुत कम हैं। अगर लोगों का विश्वास खत्म हो गया तो कुछ नहीं बचेगा। यह सुनियोजित धोखाधड़ी है।

सीजेआई ने राज्य सरकार के वकीलों से पूछा, आज सार्वजनिक नौकरियां बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक गतिशीलता के लिए देखा जाता है। अगर उनकी नियुक्तियों को भी बदनाम किया गया तो सिस्टम में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास उठ जाएगा, आप इसे कैसे बर्दाश्त करेंगे?”

सीजेआई ने कहा कि मामला कितना भी संवेदनशील या राजनीतिक रूप से जटिल क्यों न हो, हम वकील ही हैं। हाई कोर्ट के जजों पर आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। करीब 25 हजार शिक्षकों/स्कूलकर्मियों की नौकरी रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. 2016 की इन नियुक्तियों को भ्रष्टाचार के चलते कलकत्ता HC ने रद्द किया है. इसके साथ ही इन शिक्षकों को तनख्वाह ब्याज समेत लौटाने कहा था।

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