पटना। IAS मर्डर केस के आरोपी पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल ले जाने के बजाय पटना की सैर कराने के मामले में एक और बड़ा एक्शन हुआ है। 15 अगस्त को छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के बाद जेल विभाग के संतरी और कक्षपाल को भी सस्पेंड कर दिया है। इस बाबत राज्य सरकार ने सस्पेंशन आर्डर जारी कर दिया है। अब तक इस मामले में 8 लोगों पर गाज गिर चुकी है। राज्य सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि

राज्य सरकार की तरफ से मामले की जांच रिपोर्ट तलब किये जाने के बाद सहरसा के डीएम ने सहरसा जेल प्रबंधन की भी जांच करायी थी, जिसमें समय पर कैदी की जेल में वापस नहीं होने के मामले में दो कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है। सीनियर उप समाहर्ता ने अपनी रिपोर्ट में कोत संतरी/कक्षपाल हरिनंदन कुमार और प्रभारी मुख्य उच्च कक्षपाल दानी प्रसाद यादव को दोषी बताया।

डीएम को भेजी गयी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गयी थी। जिसमें कोत संतरी व कक्षपाल हरिनंदन कुमार और प्रभारी मुख्य उच्च कक्षपाल दानी प्रसाद यादव को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया है। दोनों को पूर्णिया सेंट्रल जेल अटैच किया गयाहै।

पढ़िये क्या है पूरा मामला

आरोप है कि गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैय्या की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन पेशी के लिए पटना आए थे। पटना से उन्हें फिर वापस जेल ले जाया जाना था, लेकिन वो जेल जाने के बजाय पाटलिपुत्र स्थित निजी आवास पहुंच गए। यहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मुलाकात की।यही नहीं आनंद मोहन अपने लाव लश्कर के साथ दरोगा राय पथ स्थित विधायक कॉलोनी भी गए, वहां विधायकों के साथ मिलने के बाद वो कौटिल्य नगर चले गए। जानकारी के मुताबिक पेशी के लिए आनंद मोहन को सहरसा से पटना लाया गया था। आनंद मोहन की निजी आवास पर बैठक और पटना में घूमने का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया।मीडिया में खबरें आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने एडीजी ने जांच के आदेश दिए हैं। सहरसा की रिपोर्ट तलब किया गया है संतोष गंगवार का कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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