केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के खिलाफ विपक्षी दल एक बार फिर लामबंद हो गए हैं। शुक्रवार को 14 पार्टियों ने एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष न्यायलय भी मामले में 5 अप्रैल को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। हाल ही में करीब 8 दलों के 9 नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इससे जुड़ा पत्र भी दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, डीएमके और शिवसेना का नाम भी शामिल है।

इन दलों ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। साथ ही मामलों में गिरफ्तारियों को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की है। राजनीतिक दलों के मामले पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने 5 अप्रैल की तारीख तय की है।

क्या बोले विपक्षी दल

दलों का कहना है कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां केवल भाजपा के विरोधियों को ही निशाना बना रही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर नेता भाजपा में शामिल हो जाता है, तो उसके खिलाफ जारी मामले खत्म कर दिए जाते हैं। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करती हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सभी पार्टियों को इस मामले में साथ लाने में आप प्रमुख केजरीवाल ने बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं, पीएम मोदी के नाम लिखे पत्र का मुख्य सूत्रधार तेलंगाना सीएम केसीआर को माना जा रहा था।

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