रांची। पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर विभाग सहायक अध्यापकों की गुणवत्ता परखने के लिए आकलन परीक्षा की तैयारी में तो जुटा है ही, साथ ही साथ फर्जी पारा शिक्षकों पर नकेल कसने की भी तैयारी चल रही है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन के दौरान 137 पारा शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है। इनमें से 87 वो शिक्षक हैं, जिसके बाद कुछ भी जानकारी नहीं है। जबकि 13 पर मामला दर्ज है।

जिलावार प्रमाण पत्रों के सत्यापन की समीक्षा के दौरान आंकड़े आये हैं कि 106 पारा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया। इसकी वजह से उनकी सेवा 31 दिसंबर के बाद खत्म हो गयी, जबकि 31 पारा शिक्षकों ने प्रमाण पत्र मांगे जाने पर त्याग पत्र दे दिया। जिलों द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार 20 ऐसे शिक्षक हैं, जो पिछले एक माह से बिना अवकाश के विद्यालय नहीं आ रहे हैं. जिलों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार 89 ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनकी ई विद्या वाहिनी पोर्टल पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

खबर है कि पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच होने से फर्जी प्रमाण पत्रों पर बहाली कर रहे पारा शिक्षक नौकरी छोड़ रहे हैं। शिक्षा सचिव के समीक्षा बैठक में यह बातें भी सामने आई है। आपको बता दें कि राज्य के 61 हजार पारा शिक्षकों में से 53051 पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) के प्रमाण पत्र का सत्यापन हो चुका है। राज्य में 13 ऐसे पारा शिक्षक भी हैं, जिन पर फिलहाल आपराधिक मुकदमा चल रहा है. सभी शिक्षक फिलहाल निलंबित हैं. लातेहार में सबसे अधिक छह व देवघर में दो शिक्षकों पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है.

वहीं 8154 शिक्षकों के प्रमाण का सत्यापन अबतक नहीं हो सका है, जिलों के द्वारा जमा रिपोर्ट के मुताबिक राज्यभर में 395 ऐसे पारा शिक्षक हैं, जिन पर अलग-अलग कारणों से कार्रवाई की गयी है या इसकी प्रक्रिया चल रही है। इस मौके पर जिलावार प्रमाण पत्रों के सत्यापन की समीक्षा की गयी है। इनमें 106 पारा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया. उनकी सेवा 31 दिसंबर के बाद स्वतः समाप्त हो गयी. 31 पारा शिक्षकों ने प्रमाण पत्र मांगे जाने पर त्याग पत्र दे दिया.

पलामू में सबसे अधिक शिक्षक गायब हैं. पलामू में ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर कुल 32 शिक्षकों ने अपनी जानकारी नहीं दी है. एक शिक्षक पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है. सात शिक्षक बिना सूचना के विद्यालय से गायब हैं।

गिरिडीह में सबसे अधिक 1557 शिक्षकों के प्रमाण पत्र का अब तक सत्यापन नहीं हुआ है, जबकि सबसे कम 35 शिक्षक पूर्वी सिंहभूम जिला में हैं. राज्य में पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक निर्धारित की गयी थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया गया है।
गुमला में सबसे अधिक शिक्षकों की सेवा हुई समाप्त : जिलों द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार गुमला जिला में सबसे अधिक 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त हुई. इन शिक्षकों ने अपना प्रमाण पत्र ही जमा नहीं किया, जबकि सबसे अधिक नौ शिक्षकों ने रामगढ़ में त्याग पत्र दे दिया।

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