रांची । इस कड़ाके की ठंड के बीच जहां सभी नववर्ष आगमन का उत्साह मनाने में मशगूल हैं वहीं झारखंड सरकार के अंतर्गत वर्षों से कार्य कर रहे कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में पिछले 22 दिनों से सड़क पर धरना पर बैठे है, जिसको सुधि लेने के चिंता सरकार को नहीं है। राजधानी के व्यस्ततम मार्ग राजभवन के सामने कड़कड़ाती ठंड में धरना दे रहे कर्मी महिला अपने बच्चों के साथ पिछले 22 दिन से सड़क पर बैठी है। जिसे देखकर सहसा सभी कदम रुक जाते हैं। कदम यदि नहीं रुक रहे तो वो सरकार के अधिकारियों की। न जाने कितने मंत्री और अधिकारी इस मार्ग से रोजाना गुजरते हैं परंतु इनकी समस्या का समाधान करने के बजाय मुंह फेर रहे हैं….. इन सब के बीच धरना दे रहे महिला पुरुष कर्मी से मार्ग से गुजरते राहगीर उनकी समस्या और दर्द पूछने धरना स्थल पर पहुंचते हैं और सभी के जुबान से एक ही आवाज निकलती है …..”ये कैसी सरकार “।

क्या है मामला

झारखंड राज्य आजीविका कैडर संघ का बैनर तले प्रदेश के 24 जिलों से झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी के अंतर्गत PRP, BAP अपने चार सूत्री मांगों को लेकर पिछले 22 दिन से राजभवन के समीप जाकिर हुसैन पार्क में अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन पर अड़े है।

क्या कहते हैं संघ के सचिव

प्रदेश सचिव मुस्तकीम रज़ा ने बताया कि सरकार आपके द्वार पहुंच कर गरीबो को समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ देने का कार्य कर रही है लेकिन आज हमारा संघ का 1200 परिवार राजभवन के समीप 21 दिन से इस कड़ाके की ठंड में जिनमे अधिकांश महिलाएं है और साथ मे छोटे छोटे बच्चों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठे है और ये वही नारी शक्ति है जिसके दम पर गरीब ग्रामीण महिलाओं को सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाने आजीविका का हुनर सिखाने के लिए अपना जीवन न्यौछावर किये हुए है और आज सरकार के द्वार पर 1200 परिवार अपनी आजीविका को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है लेकिन सरकार, विभाग, और पदाधिकारी नुतनवर्ष के मस्ती में चूर हैं कार्यकर्ता भले रोड में न्याय की गुहार लागते रहे लेकिन किसी को सुध लेने तक का समय नही है।

विभागीय मंत्री से ही चुकी है 112 बार वार्ता

संघ के नेतृत्व कर रहे नारायण महतो ने बताया की अब तक विभागीय मंत्री आलमगीर आलम से 112 बार की वार्ता हो चुकी है। हर बार वार्ता में मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया और हर बार 15 दिन की मोहलत मांगी गई। हर बार संघ के द्वारा उनके आश्वाशन पर भरोसा कर मोहलत भी दी जाती रही। परंतु अब धैर्य की सीमा समाप्त हो गई है और मजबूरन राज्य भर के सारे कर्मी सड़क पर बैठने को मजबूर है। इतने दौर की वार्ता होने के बावजूद ये सवाल उठना लाजिमी है की आखिरकार कर्मचारियों को जानबूझकर सड़क पर बैठने को मजबूर तो नहीं किया जा रहा।

गजब का है जज्बा

जहां इस कड़कड़ाती ठंड में कंबल के अंदर दुबके लोगों के भी हाड़ मांस झकझोर दे रही है,वहीं अपने मांगों के समर्थन में इन कर्मियों का जज्बा देखने लायक है। कई महिला अपने पति और बच्चों के साथ धरना दे रही है, वहीं कई पुरुष कर्मी की पत्नी भी कंधा से कंधा मिलाकर हौसला अफजाई कर रही है। जिसने भी इस जज्बे को देखा अनायास उनके कदम ठिठक रहे हैं।

क्या कहती है सरकार

पिछले दिनों विधायक दीपिका पांडे के नेतृत्व में 3 सदस्य विधायकों का प्रतिनिधिमंडल धरना स्थल पहुंचकर कर्मियों को आश्वासन दिया था कि आपकी मांग पूरी की जाएगी। कर्मियों ने लिखित आश्वासन की मांग की थी। जिसका विधायकों ने भरोसा दिलाया था। बावजूद इसके विभाग द्वारा कोई पत्र जारी कर इनके आंदोलन खत्म करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।जिसके बाद कर्मियों में काफी रोष है।जबकि पूर्व में भी मुख्यमंत्री से संघ के पदाधिकारियों की वार्ता हो चुकी है।

अब आगे क्या

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार जल्द हमारे मांग पत्र के संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो राज्य भर के 84 हजार कर्मियों को धरना स्थल पर बुलाया जाएगा और कामों को ठप करा दिया जाएगा।

साथ ही प्रदेश के PRP, BAP का कहना है कि जब तक हमारी चार सूत्री मांग को सरकार, विभाग पूरा नही करते तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन में प्रदेश मीडिया प्रभारी कार्तिक कुमार, दीपक कुमार पलामू प्रमंडल अध्यक्ष बसंत यादव सभी जिला के जिला पदाधिकारी और PRP, BAP उपस्थित थें।

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