गांव में एक साथ जली 11 चिताएं… किसने छीनी खुशियों की रात, क्यों मातम में बदली पूरी बस्ती?

गांव में एक साथ जली 11 चिताएं… किसने छीनी खुशियों की रात, क्यों मातम में बदली पूरी बस्ती?
खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के पाडलफाटा गांव में गुरुवार की रात खुशियों का माहौल था। गांव की गलियां डीजे की धुन पर थिरकते बच्चों और युवाओं की भीड़ से गूंज रही थीं। लेकिन कुछ ही घंटों बाद वही गलियां मातम और चीखों से भर उठीं। शुक्रवार सुबह गांव ने ऐसा दिल दहला देने वाला मंजर देखा, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है—एक साथ 11 शवों का अंतिम संस्कार।
पंधाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 11 मृतकों के शव एम्बुलेंस में गांव लाए गए। माहौल इतना संवेदनशील था कि पुलिस बल की भारी तैनाती करनी पड़ी। एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर और डीएसपी अनिल सिंह चौहान खुद मौके पर मौजूद रहे।
सबसे मार्मिक कहानी थी 8 साल की चंदा की। उसका शव पानी से सबसे आखिर में निकाला गया। उसकी दो नन्हीं बहनें अब भी यही सोच रही हैं कि उनकी दीदी कब लौटेगी… जबकि पूरा गांव जान चुका है कि चंदा अब कभी घर की चौखट पार नहीं करेगी।
शाम 5 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांव पहुंचेंगे और मृतकों के परिजनों से मिलेंगे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी भी दोपहर तक गांव पहुंचकर शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात करेंगे। प्रशासन ने नेताओं और अधिकारियों की आवाजाही के लिए गांव के बाहर हेलिपैड बनाना शुरू कर दिया है।
गांव का हर घर मातम में डूबा है। जहां कल तक खुशी का शोर था, वहीं आज सिर्फ आंसू और चीखें हैं। पाडलफाटा का यह दर्दनाक मंजर गांव के हर शख्स के दिल पर हमेशा के लिए एक गहरा जख्म छोड़ गया है।