स्वास्थ्य मंत्री जी ! सिविल सर्जन नहीं मानते विभागीय अधिकारी का आदेश…DIC के पत्र के वावजूद कर्मियों को क्यों नहीं मिल रही प्रमोशन,उठे कई सवाल

Ranchi:  स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी भले स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का वायदा कर रहे हो परंतु सच्चाई ये है विभाग के वरीय अधिकारी के आदेश को सिविल सर्जन नहीं मानते। मामला कर्मियों के प्रोन्नति से जुड़ा है।

सेवा काल के साथ साथ कर्मियों की प्रोन्नति आवश्यक है उससे कर्मचारी तो का मनोबल बना रहता है साथ ही विभाग में सीनियरिटी के साथ मान सम्मान बना रहता है। परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की माने तो यह प्रोन्नति की कोई व्यवस्था ही नहीं है, जबकि समय समय पर विभागीय अधिकारी एक पत्र जारी कर अपना पल्ला झाड़ जरूर लेते है उस पत्र का अनुपालन करने वाले अधिकारी  पत्र को रद्दी टोकरी में डाल देना ही मुनासिब समझते हैं।

क्या है मामला

विभाग में दो स्तर के कर्मी कार्यरत है, जिला स्तरीय और राज्यस्तरीय। जिलास्तरीय कर्मी के नियुक्ति पदाधिकारी जिले के सिविल सर्जन होते हैं जबकि राज्यस्तरीय कर्मियों के नियुक्ति पदाधिकारी निदेशक प्रमुख होते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्तमान में सेवानिवृत्त होने कर्मी 30 वर्षों से भी ज्यादा सेवा दे चुके है कई कर्मी तो 40 वर्ष से विभाग में सेवा दे रहे हैं। परंतु दुर्भाग्य ये है उन्हें प्रमोशन की कोई व्यवस्था नहीं है। जिस पद पर उन कर्मी की नियुक्ति होती है उसी पद से सेवानिवृत्त भी हो जाते है।

निदेशक प्रमुख के पत्र को सिविल सर्जन नहीं मानते

जिला स्तरीय कर्मियों के प्रमोशन से संबंधित सारे कार्य सिविल सर्जन को निपटाने हैं, इस संबंध में निदेशक प्रमुख का पत्र सभी सिविल सर्जन को भेज गया है परन्तु इस संबंध किसी भी जिला में कारवाई नहीं की गई है। विदेशक प्रमुख भी पत्र जारी कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं वहीं पत्र का अनुपालन नहीं होने पर सिविल सर्जन पर कारवाई नहीं की जाती है।  ये मामला सिर्फ जिला स्तर के कर्मी तक ही सीमित नहीं बल्कि राज्य स्तरीय कर्मियों को भी प्रमोशन की कोई व्यवस्था नहीं है।

क्या कहता है पत्र और क्या है मांग

निदेशक प्रमुख सी के शाही ने 23.05.25 को जारी पत्र में सिविल सर्जन को आदेश जारी कर कहा है कि जिला स्तरीय कर्मियों को ससमय प्रोन्नति देना सुनिश्चित करे। प्रोन्नति  नियमावली में दर्ज पदसोपन के अनुरूप की जानी है।कर्मियों का कहना है नियमावली में दर्ज होने केवावजूद प्रोन्नति नहीं मिल रही। यदि प्रोन्नत पद नहीं मिल रही तो कम से कदम नियमावली की अनुरूप वेतन संरचना में प्रोन्नति मिले।

कर्मियों का मानना है कि प्रमोशन की बात करने पर अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं वहीं सिविल सर्जन से लेकर निदेशक प्रमुख तक सभी चिकित्सक होते हैं, उनका प्रमोशन समय समय पर होता रहता हैं तो आखिर कर्मियों को प्रोन्नति क्यों नहीं मिलती?

क्या है प्रावधान

आए दिन स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी स्वास्थ्य कर्मियों की सुविधा और व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं वहीं कर्मियों के नियमावली में भी प्रमोशन की व्यवस्था है उसके वावजूद जिला कार्यालय इस कार्य को अंजाम नहीं दे रहा। वजह चाहे जो भी  समय समय प्रमोशन नहीं मिलने पर मनोबल टूटना स्वाभाविक है।

कौन कौन से होते हैं पद

जिला स्तरीय पदों में ANM, लिपिक, ड्रेसर, OT असिस्टेंट, स्वास्थ्य कार्यकर्ता,चतुर्थ वर्गीय कर्मी वही राज्यस्तरीय कर्मी में फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला प्रावैधिकी, GNM, स्वास्थ्य प्रशिक्षक, लिपिक, नेत्र सहायक, xRay  टेक्नीशियन सहित कई अन्य पद शामिल हैं।

प्रोन्नति नहीं मिलने से हो रही है आर्थिक हानि

कर्मियों की प्रोन्नति नहीं मिलने से सम्मान के साथ साथ आर्थिक हानि भी हो रही है। जानकारी के मुताबिक कार्मिक विभाग ने राज्यकर्मियों के प्रोन्नति की व्यवस्था और कलावधि का निर्धारण किया है। जिसमें समय समय पर कर्मियों के बेसिक ग्रेड पे में बदलाव की व्यवस्था निर्धारित है। कार्मिक विभाग और नियमावली में दर्ज प्रोन्नति व्यवस्था लागू नहीं होने से कर्मी दोहरी मार झेल रहे हैं।

 

 

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