शिक्षक नियुक्ति घोटाला, सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख, एसएससी से मांगा जवाब, वेतन वापसी पर जताई नाराजगी, कोर्ट ने कहा, स्पष्ट निर्देश के बावजूद क्यों…..
Teacher appointment scam, Supreme Court takes tough stand, seeks response from SSC, expresses displeasure over salary refund, court asks, why despite clear instructions.....

Teacher News : शिक्षक नियुक्ति घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर राज्य सरकार और स्कूल सेवा आयोग को कटघरे में खड़ा किया है। अदालत ने पूछा कि अवैध रूप से नियुक्त शिक्षकों से वेतन की वसूली की प्रक्रिया अब तक क्यों शुरू नहीं हुई और इसे कब शुरू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने नई एसएससी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए है।
पूरा मामला पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति घोटाले से जुड़ा है, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अपनाए हुए है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) और राज्य सरकार से कई अहम सवाल पूछे। कोर्ट ने यह जानना चाहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्तियां अवैध पाई गईं, उनसे वेतन की वसूली अब तक किस स्तर तक हुई है।
मुख्य बातें:
• सुप्रीम कोर्ट ने WBSSC से पूछा – वेतन वसूली की प्रक्रिया कब शुरू होगी।
• अवैध रूप से नियुक्त शिक्षकों को ब्याज सहित वेतन लौटाने का आदेश बरकरार।
• नई परीक्षाओं में अयोग्य उम्मीदवारों की शिकायत पर भी मांगा जवाब।
• दागी शिक्षकों को किसी भी नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से रोका।
वेतन वसूली प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा कि वेतन वापसी की प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है। इस पर राज्य सरकार के वकील ने बताया कि अभी तक यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई है। इस जवाब पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि स्पष्ट आदेश के बावजूद कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है। अदालत ने कहा कि अवैध रूप से नौकरी पाने वालों को वेतन की राशि ब्याज सहित लौटानी होगी और इस पर तुरंत कदम उठाया जाए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि भ्रष्टाचार या घोटाले के माध्यम से नौकरी पाने वाले किसी भी व्यक्ति को वित्तीय लाभ लेने का अधिकार नहीं है। अदालत का कहना है कि यह रकम टैक्सपेयर्स के पैसे से दी गई थी, इसलिए इसे ब्याज सहित वापस लिया जाना चाहिए।
नई परीक्षाओं पर भी उठे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दरान WBSSC द्वारा आयोजित हालिया परीक्षाओं पर भी सवाल उठाए। आयोग ने सात सितंबर को कक्षा 9-10 के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी, जबकि कक्षा 11-12 के लिए परीक्षा रविवार को प्रस्तावित है। याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि कई अयोग्य उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। इस पर अदालत ने राज्य सरकार और आयोग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
दागी शिक्षकों को राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने दागी शिक्षकों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने किसी नई नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने कहा कि जब तक मामले की पूरी जांच पूरी नहीं हो जाती, ऐसे उम्मीदवार किसी भी भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकते।इस सुनवाई ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। अदालत ने संकेत दिए हैं कि यदि राज्य सरकार और आयोग समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो कड़े निर्देश जारी किए जा सकते हैं।